नफरत की ज्वाला में जलती है दिल की बातें
नफरत की ज्वाला में जलती है दिल की बातें
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इसमें उठते हैं बेचैनी के समुद्र। आत्मा की आवाज़ें शांत हो जाती हैं, परंतु जीवन के आने-जाने का समीक्षा बिना रुके.
हमें कि उन्माद एक मृत्युदंड बाधा है, जो हमें मानवता की परिस्थिति को ले जाता है।
द्वेष की छाया, क्रोध के वर्ण|
उस स्थान में जहाँ भावनाएं की ध्वनि मंद हो जाती है, वहाँ नफरत का भय विशाल होता है। वह साया क्रोध की कविताएं गाता है, जो मृत्यु का नाटक होती हैं।
हमें यह याद होना चाहिए कि नफरत की शक्ति केवल तब तक स्थायी रहती है जब तक हम इसे तेज़ करते हैं।
तूफ़ानों की तरह उमंग
नफ़्रात से छिड़की शायरी, दिल के नीचे की दर्द का प्रतीक . हर पंक्ति एक तकलीफ, हर शब्द एक शिकवा .
यह हृदय को भूखा छोड़ देता है, एक ऐसा दर्द जो दबा हुआ रहता है.
बेज़ुबान नफ़्रत का इज़हार, शब्दों में तराशा हुआ
दुनिया एक जटिल और अनिश्चित जगह है। जहां हर दिल में check here उम्मीदें छिपी होती हैं, वहीं कई बार वे मन पर मलबा जमा करते हैं। बेज़ुबान नफ़्रत का इज़हार, शब्दों में तराशा हुआ, एक ऐसा चित्र प्रस्तुत करता है जो हमें इसी सच्चाई से परिचित कराता है। यह कहानी हिंसा के दायरे में फंसे लोगों की है, जिन्होंने नफ़्रत को अपने दिलों का एक अनूठा पहनावा बना लिया है।
उनका मन शब्दों से मुक्त होकर अंधाधुंध भय को जन्म देता है, जो शोक का रास्ता बनाता है। यह नफ़्रत एक विनाशकारी ताकत है जो हमें अपने अंदर से ही खत्म करती है।
- यह ज़रूरी है कि हम इस नफ़्रत को पहचानें और उससे निरंतर प्रयास करें।
- एक-दूसरे का सम्मान ही वह हैं जो हमें एक नया रास्ता दिखा सकते हैं।
नफरत की चाहत से भरी कलम, लिखती है दुखी पंक्तियां
एक ऐसी कलम जो नफरत के ही धागे पर बुनती है, वह कैसे सुरीली पंक्तियाँ उकेर सकती है? यह दुःख का ही प्रवाह लिखती है, अँधेरे की राहों को दर्शाती है। उसकी प्रत्येक पंक्ति एक कटार है जो विनाश की ओर ले जाती है, हर शब्द में छिपा होता है घृणा का स्वाद।
क़विता: घृणा की आग, प्रेमा की मनाही
प्यार समझें उमंगें तो संगीत भी मुस्कुराता है । परंतु जब नफ़्रात का झंडा लहराता है तो पृथ्वी भी अपनी छाया में समा जाती है । शायरी,
इस तरह से, नफ़्रात का उत्साह और प्यार का प्रतिद्वंद्विता दोनों मिलता है
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